MERA KHWAAB HAI TU..........
ख्वाबो में आके बस गया,
तू अक्स है मेरा
तू आइना,तू सामना,
तू ही रहनुमां मेरा ।
न लव्ज, न जुबां,
न कोई दास्ताँ,
बयां कर सके तुझे
तू फलसफा मेरा ।
तेरी इबादत में मशगूल यूँ हुआ
न खुद की, न खुदा की खबर रहीi
क्यों मोहब्बत ने इतना खामोश कर दिया
बस सुनता हूँ में तुझे, किसी और को नही।
अब इसको आवारगी कहूँ
या दीवानगी मेरी,
हर किस्से हर कहानी में तू है
तू दास्ताने जिंदगानी मेरी !!!!!!