Friday, May 8, 2015

MERA KHWAAB HAI TU..........


ख्वाबो में आके बस गया,
तू अक्स है मेरा
तू आइना,तू सामना,
तू ही रहनुमां मेरा ।
न लव्ज, न जुबां, 
न कोई दास्ताँ,
बयां कर सके तुझे 
तू फलसफा मेरा ।
तेरी इबादत में मशगूल यूँ हुआ 
न खुद की, न खुदा की खबर रहीi 
क्यों मोहब्बत ने इतना खामोश कर दिया 
बस सुनता हूँ में तुझे, किसी और को नही। 
अब इसको आवारगी कहूँ
या दीवानगी मेरी, 
हर किस्से हर कहानी में तू है
तू दास्ताने जिंदगानी मेरी !!!!!! 

Wednesday, May 8, 2013

मेरे ख्वाव् मेरे ख्वाबो में बसते हैं...


मन की आँखों में सजाये बेठे है...
तुझको सीने में दबाये बेठे है .....
तू मिल जाये कही किसी मोड़ पे.....
ऐ ख्वाब तेरी तस्वीर बनाये बेठे है ...
तू जहाँ भी है तेरी बात करते रहते है ..
हर लम्हा तेरी फिक्र करते रहते है ...
तू टूट कर न बिखर जाये कांच की मानिंद ..
इसलिए आईने से तेरा ज़िक्र करते रहते है ...
मेरे ख्वाब न जाने कोनसे शहरों में रहते है ...
किन गलिओं, किन घरो में चलते फिरते है...
बेशक नाउम्मीद नहीं हूँ, उम्मीद कम है लेकिन..
कभी लगता है मेरे ख्वाव् मेरे ख्वाबो में बसते हैं...


(हकीकत है मेरे ख्वाब हर शहर में रहते हैं...
हर गली, हर मोहल्ले, हर घर में चलते फिरते हैं...
बेशक उम्मीद ही नहीं, ये यकीन है मुझे...
मेरी तरह सबके ख्वाब सबकी आँखों में बसते हैं ...)

"On the decision of the juvenile court of Justice in the Rape Case of Damini"

कोई नन्हा माँ के सीने से लग जाये बचपन है 
लोरी सुन के, सपनो की में खो जाये बचपन है 
हर छोटी सी आहट से घबराये माना बचपन है 
दिल्ली सी घटना कर जाये, कैसा ये बचपन है? 
खेल खेल में, मेल मेल में लड़ जाये बचपन है 
छोटी छोटी चीजो, बातो पे अड़ जाये बचपन है 
गलती से गलती कर बेठे, न माने, माना बचपन है 
जानबूझ कर जीवन छीने, फिर कैसा ये बचपन है ?.................
"On the decision of the juvenile court of Justice in the Rape Case of Damini"

Thursday, February 21, 2013

तू केसे जाने की बातें करता है,

तू केसे जाने की बातें करता है,
जब मुझको तुझमे रब दिखता है?
क्यूँ मेरे खुदा को?
यूँ ऐसे मेरे रहनुमां को
जो मेरी सांसो में है बसा, 
मुझसे न जुदा कर 
मत कर क्रिएट कोई सैड सीन
न मुझसे मेरी इबादतों को छीन......

तू केसे जाने की बातें करता है,
जब मुझको तुझमे रब दिखता है?
भरोसा है दोस्त 
तुझपे, तेरे वादों पे , 
है यकीन तेरे अल्फाजो पर 
तेरी मीठी सी मुस्कानों पर 
मत कर क्रिएट कोई सैड सीन
न मुझसे मेरी परछाई को छीन...... 

तू केसे जाने की बातें करता है, 
जब मुझको तुझमे रब दिखता है?
मेरे हर अहसास को तू ही तो जुबां देता है 
रंगीन पंखो के मेरे तू ही तो हवा देता है, 
तू हर जगह मेरे साथ-साथ खड़ा रहता है 
तू हर बात में मुझे जीने की वजह देता है 
कैसे कहूं की मुझे तुझ पर यकीं नहीं है? 
तू मेरा दोस्त है, 
और तू ही तकल्लुफ की बात करता है
क्यूँ सैड सीन को नम आँखों में पनाह देता है ?
क्यूँ आँखों के पानी को बाहर आने की वजह देता है?
रुक, ठहर और सोच जरा फिर चल 
क्या मेरे बिना तेरा भी कट पायेगा एक पल? 
तू केसे जाने की बातें करता है, 
जब मुझको तुझमे रब दिखता है???????

Sunday, March 11, 2012

Man pagal pathik bhramit rehta he duniya ki kali raho me



Wednesday, January 18, 2012

A hand with blessings pouring out
Love that has been once, only love
Purity and expression of relief

Wednesday, October 26, 2011

Let It Go Aside

Let it..........what Life and its complexities are?
Can anyone tell?
No, the answer is short.
But everyone found himself caught in it?
Staring out the window as a kid
Going in the world outside as an adult
Coming back to home as a good partner
Taking care parents and children at the same time in best possible way.
And.....leaving the world with more pleasure to the world.
Are these easy things?
A lot is said and the more we say the more complex Life becomes!
Let It go aside
Come beside
Oh Love you make It look simpler
For Life is a story and Love is a game.
With Love there is a chance to win
But with you Life, we just loose,
Loss of everything. Oh God!
Thinking Life makes us sad.
But ho, Are you listening my love
Come beside
And talk unchangeable nature of you.